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लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण शीघ्र एवं सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती ममता जैन

खंडवा:- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व म०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के यथानिर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा श्रीमती ममता जैन के मार्गदर्शन में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के नोडल अधिकारी उदयाजीत कुंवर राव के समन्वय से आज दिनांक 14 दिसंबर 2024 को खंडवा जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय खण्डवा में प्रातः 10.45 बजे ए ०डी०आर०सेन्टर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा में माननीय श्रीमती ममता जैन के कर कमलों से दीप प्रज्जवल कर नेशनल लोक अदालत का शुभांरन किया गया। उक्त अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, योगराज उपाध्याय विशेष न्यायाधीश एम०के० मण्डलोई, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रविन्द्र पाथरीकर, न्यायाधीशगण, जिला विधिक सहायता अधिकारी कु० अनुपमा मुजाल्दे अधिवक्तागण, डिफेंस अधिवक्तागण, बैंक, न्यायालीन अधिकारीगण / कर्मचारीवृद खण्डपीठ सदस्यगण पैरालीगल वालंटियर्स, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पक्षकारों की उपस्थित रहीं।
शुभांरभ के अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय श्रीमती ममता जैन द्वारा कहा गया कि लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण शीघ्र एव सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है।
नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी
नेशनल लोक अदालत हेतु खण्डवा मुख्यालय में 15 खण्डपीठ व तहसील न्यायालय हरसूद में 03 खण्डपीठ व तहसील न्यायालय पुनासा में 01. खण्डपीठ का गठन किया गया। जिसमें कुटुम्ब न्यायालय में कुल 47 वैवाहिक प्रकरण का निराकरण हुआ व पराकम्य लिखित अधिनियम के 115 प्रकरण में राशि रूपए 27782744/ राशि का अवार्ड एवं 173 आपराधिक व 6 श्रम न्यायालय प्रकरणों में राजीनामा हुआ। इसी प्रकार 17 कलैग प्रकरण का निराकरण होकर 8830000 रूपऐ का अवार्ड पारित किया गया तथा विद्युत के 60 प्रकरण में 698000 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बैंकों के 131 प्रकरण प्रकरण में रूकी हुयी वसूली के रूप में 12117000 राशि की वसूली हुयी तथा बिजली बिल के 100 प्रकरणों में 971000 रूपए की वसूली हुयी तथा वाटर विल के 849 प्रकरण में 1985137 रूपऐ की वसूली हुयी ।

इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 434 प्रकरणों का राजीनामा के माध्यम से निराकरण होकर 47916759 राशि का अवार्ड एवं प्रीलिटिगेशन के कुल 1085 प्रकरणों में राजीनामा होकर कुल राशि रूपऎ 15075027 की वसूली हुयी ।

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