*खंडवा राई-:* सरकार भले ही खरीद केंद्रों पर चना बेचने वालों किसानों की रहा ताक रही है वहीं जिले के जिम्मेदार सरकार की मनसा पर पानी फेर रहे हैं इसका ताजा उदाहरण अधिकतर चना केदो पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई देता है। यहां ना तो हमलों की व्यवस्था है ना ही सर्वर उपस्थित हैं। एक ऐसा ही मामला आदिम जाति सेवा सरकारी समिति खेड़ी में देखने को मिला जिसका खरीद केंद्र गुप्ता जिनिंग हरसुड रोड खेड़ी को बनाया गया है यहां पर अभी तक एक भी किसान ने चना फसल बेचने नही आये है किसानों ने केवल चना फसल के स्लाट बुक किए हैं। जब इस संबंध में सोसाइटी के कर्मचारी विशाल पाठक से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि अभी तक आठ किसानों के स्लाट पोर्टल पर दिखाई दे रहे हैं किसान इसे रद्द भी कर देते हैं शासन के दिशा निर्देश पर खरीद 26 तारीख से चालू है। वहीं क्षेत्र के किसानों को कहना है कि शासन किसानों को मूर्ख बना रही है शासन चना फसल खरीदने में रूचि ही नहीं ले रही है यहां सिर्फ औपचारिकताएं पूरी हो रही है इसलिए किसान खरीद केंद्रों पर चना लाने के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं बेवेश होकर बाजार में ही या मंडी में चना फसल बेचने को मजबूर हैं। भडगिया गांव के किसान कमल पटेल ने बताया की सोसाइटी में अच्छी क्वालिटी व साफ सुधरे चने को भी छानने पर डालने का सोसाइटियों के द्वारा बोला जा रहा है।जो कि सरासर गलत है।जिसका अतिरिक्त चार्ज हम हम्मालो को क्यों दें। तथा किसान बेवजह परेशान क्यों हो। इसलिए बाजार में कम रेट में ही देना उचित रहेगा।वही जिले में शासन के दोहरे रवैया पर राजनीतिक दल व किसान संगठन चुप्पी साधे हुए हैं।
आदिम जाति सेवा सरकारी समिति खेड़ी के प्रबंधक विजय राठौड़ ने बताया कि केंद्र पर चना खरीदने की संपूर्ण व्यवस्था कर ली गई हैं इसके बावजूद किसान चना फसल लाने को तैयार क्यों नहीं है। यह हमें नहीं पता।