खंडवा।। कवि कला संगम परिवार (ककस) द्वारा मातृ दिवस पर केशवकुंज स्थित वीररस कवि सन्तोष चौरे चुभन के निवास स्थान पर मातृ पूजन एवं लेखिका शिक्षिका स्व. ज्योति चौरे की पुण्यतिथि पर स्मृति आयोजन रखा गया। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया काव्य गोष्ठी का आयोजन तारकेश्वर चौरे के मुख्य आतिथ्य एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जगदीशचंद्र चौरे ने की। कार्यक्रम का आगाज सन्तोष चौरे चुभन एवं अतिथि द्वारा माँ की पूजा अर्चना के साथ हुआ। कार्यक्रम आरम्भ में बालक कवि गणेश चौहान ने माँ पर कविता की पंक्तियां सुनाई। वही सन्तोष चौरे चुभन द्वारा स्व.ज्योति चौरे माँ के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें स्मरण किया गया। सुनील चौरे उपमन्यु ने माँ में आ विलोपित है, कहते ही माँ आवाज आती आ, आवाज में माँ का प्रेम निहित है रचना सुनाई। निर्मल मंगवानी ने मां पर अपनी रचना की सुंदर प्रस्तुति दी। शुभम देवड़ा ने माँ के बिना कोई दिन नही होता पैरोड़ी सुनाई। उभरती रचनाकार कविता जाटव ने मां पर सुबह शाम खुद से ज्यादा हमारे लिए माँ दुआ करती है बिजली चली जाए तो आँचल से माँ हवा करती है रचना सुनाई। डॉ जगदीशचंद्र चौरे ने अतिथि वक्तव्य के साथ रचना पाठ किया। वही ओमप्रकाश चौरे, सत्यनारायण चौहान, भूपेंद्र मौर्य, तारकेश्वर चौरे, प्रशांत अय्यर आदि सभी उपस्थित साहित्यकारों व्दारा मां पर अपनी उत्कृष्ट रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। वही अंत में महेश मूलचंदानी ने साईं भजन गाकर गोष्ठी को निहाल किया। सफल संचालन सन्तोष चौरे चुभन एवं आभार प्रशांत अय्यर ने माना।